100 रुपये के नोट को लेकर RBI ने जारी की गाइडलाइन Reserve Bank of India

By Meera Sharma

Published On:

Reserve Bank of India

Reserve Bank of India: भारतीय अर्थव्यवस्था में 100 रुपये का नोट सबसे अधिक प्रचलित और उपयोग में आने वाली मुद्रा है। यह नोट दैनिक लेन-देन से लेकर बड़े व्यापारिक गतिविधियों तक हर जगह इस्तेमाल होता है। इसकी व्यापक उपयोगिता के कारण ही यह नकली नोट बनाने वालों का मुख्य निशाना भी बनता है। आम जनता से लेकर व्यापारी तक, सभी को इस नोट की सही पहचान करना आना चाहिए।

हाल के वर्षों में बाजार में नकली नोटों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। इसके कारण आम लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। नकली नोटों की समस्या न केवल व्यक्तिगत स्तर पर परेशानी का कारण बनती है, बल्कि यह पूरी अर्थव्यवस्था के लिए भी हानिकारक है। इसलिए आरबीआई ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

आरबीआई द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन्स

यह भी पढ़े:
LPG Gas New Rate अचानक गिरे गैस सिलेंडर के दाम, जानिए आपके शहर में कितनी मिल रही है गैस: LPG Gas New Rate

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में 100 रुपये के नोट की पहचान के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों का मुख्य उद्देश्य आम जनता को नकली नोटों से बचाना और असली नोटों की सही पहचान करने में मदद करना है। आरबीआई को देश भर से नकली 100 रुपये के नोटों की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।

इससे पहले आरबीआई ने 500 और 2000 रुपये के नोटों के लिए भी इसी प्रकार की गाइडलाइन्स जारी की थीं। अब 100 रुपये के नोट के लिए जारी की गई ये गाइडलाइन्स हर नागरिक के लिए जानना आवश्यक है। बैंकों और एटीएम तक में नकली नोटों की पहुंच की जानकारी मिलने के बाद आरबीआई ने यह निर्णय लिया है। आरबीआई के अनुसार, बैंकों में आधुनिक मशीनों से नकली नोटों की पहचान करके उन्हें तुरंत अलग कर दिया जाता है।

सुरक्षा धागे की पहचान

यह भी पढ़े:
PM Awas Yojana Survey पीएम आवास योजना 1 लाख 20 हजार रुपए के नए सर्वे शुरू: PM Awas Yojana Survey

100 रुपये के असली नोट की पहचान करने का सबसे आसान तरीका सुरक्षा धागे को देखना है। जब आप इस नोट को रोशनी में देखते हैं, तो इसमें एक सुरक्षा धागा दिखाई देता है जो एक सीधी रेखा की तरह नजर आता है। इस सुरक्षा धागे पर “भारत”, “100” और “आरबीआई” शब्द लगातार क्रम में लिखे होते हैं। यह विशेषता नकली नोटों में सही तरीके से नकल नहीं की जा सकती।

असली नोट में यह सुरक्षा धागा बिल्कुल सीधा और स्पष्ट दिखाई देता है। नकली नोटों में यह धागा अक्सर टेढ़ा-मेढ़ा या धुंधला होता है। इसके अलावा, असली नोट में सुरक्षा धागे की चौड़ाई और रंग एक समान होते हैं। यह विशेषता नकली नोट बनाने वालों के लिए सबसे कठिन चुनौती है, इसलिए इस तरीके से पहचान करना बहुत प्रभावी है।

लेटेंट इमेज तकनीक

यह भी पढ़े:
Indian Railway New Rule 2025 अब पहले ही पता चलेगा टिकट Confirm होगा या नहीं!: Indian Railway New Rule 2025

100 रुपये के असली नोट में लेटेंट इमेज तकनीक का उपयोग किया गया है। जब आप इस नोट को अपनी आंखों के सामने हॉरिजेंटल (क्षैतिज) स्थिति में रखकर देखते हैं, तो आपको “100” की एक छवि दिखाई देती है। यह छवि केवल एक विशेष कोण से ही दिखाई देती है और यह असली नोट की एक महत्वपूर्ण पहचान है। नकली नोटों में यह तकनीक सही तरीके से लागू नहीं की जा सकती।

इस लेटेंट इमेज को देखने के लिए नोट को अलग-अलग कोणों से देखना पड़ता है। असली नोट में यह छवि बिल्कुल साफ और स्पष्ट दिखाई देती है। नोट को सीधा रखने पर यह छवि दिखाई नहीं देती, लेकिन कोण बदलने पर यह स्पष्ट रूप से नजर आती है। यह तकनीक आधुनिक प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके बनाई जाती है जो नकली नोट बनाने वालों के लिए कॉपी करना बेहद कठिन है।

उभरी हुई छपाई और स्पर्श परीक्षण

यह भी पढ़े:
8th Pay Commission Update 8th Pay Commission Update: ग्रेड-पे के अनुसार जानिए कितनी बढ़ेगी Salary और Pension

असली 100 रुपये के नोट की छपाई उभरी हुई होती है जिसे छूकर महसूस किया जा सकता है। महात्मा गांधी की तस्वीर, आरबीआई की गारंटी के शब्द, और अशोक स्तंभ की छवि को छूने पर इनमें उभार महसूस होता है। यह उभार विशेष प्रकार की इंटैग्लियो प्रिंटिंग तकनीक से बनाया जाता है। नकली नोटों में यह उभार या तो होता ही नहीं है या फिर बहुत हल्का होता है।

नोट पर लिखे अक्षरों और संख्याओं को भी छूकर पहचाना जा सकता है। असली नोट में ये सभी चीजें उभरी हुई होती हैं और स्पर्श से महसूस की जा सकती हैं। विशेषकर दृष्टिबाधित लोगों के लिए यह पहचान का एक महत्वपूर्ण तरीका है। नोट के बाएं किनारे पर दिया गया त्रिकोणीय चिह्न भी उभरा हुआ होता है जो दृष्टिबाधित व्यक्तियों की सहायता के लिए विशेष रूप से बनाया गया है।

वाटरमार्क और फ्लोरोसेंट स्याही

यह भी पढ़े:
Gold Rate Today सोने के रेट में आई भारी गिरावट, खरीदने वालों के लिए पूरे देश मे नया नियम लागू जानिए पूरी खबर Gold Rate Today

असली 100 रुपये के नोट में महात्मा गांधी का वाटरमार्क होता है जो रोशनी में देखने पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। यह वाटरमार्क नोट के दाईं ओर होता है और इसमें “100” की संख्या भी दिखाई देती है। वाटरमार्क को बनाना एक जटिल प्रक्रिया है जिसे नकली नोट बनाने वाले सही तरीके से नकल नहीं कर सकते। असली नोट में वाटरमार्क बहुत स्पष्ट और गहरा दिखाई देता है।

नोट पर फ्लोरोसेंट स्याही का भी उपयोग किया जाता है जो यूवी लाइट में चमकती है। यह स्याही नोट के विभिन्न हिस्सों में उपयोग की जाती है और इसे विशेष प्रकार की रोशनी में देखा जा सकता है। बैंकों और व्यापारिक संस्थानों में इस तकनीक का उपयोग करके नकली नोटों की पहचान की जाती है। आम लोग भी यूवी लाइट का इस्तेमाल करके इस विशेषता को देख सकते हैं।

सावधानियां और सुझाव

यह भी पढ़े:
Airtel Recharge Plan एयरटेल लाया 84 देने वाला रिचार्ज प्लान मिलेगा अनलिमिटेड कॉलिंग और डेटा । Airtel Recharge Plan

नकली नोटों से बचने के लिए हमेशा नोट लेते समय उसकी जांच करनी चाहिए। विशेषकर बड़े व्यापारिक लेन-देन में या अनजान व्यक्तियों से पैसे लेते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। यदि आपको कोई नोट संदिग्ध लगता है, तो तुरंत नजदीकी बैंक या पुलिस स्टेशन में जाकर इसकी जांच कराएं। नकली नोट मिलने पर इसे छुपाने की बजाय अधिकारियों को सूचित करना चाहिए।

आज के डिजिटल युग में भी नकद लेन-देन की आवश्यकता होती है, इसलिए असली नोटों की पहचान करना आवश्यक है। आरबीआई की इन गाइडलाइन्स को समझकर और अमल में लाकर हम सभी नकली नोटों के जाल से बच सकते हैं। नियमित रूप से इन तकनीकों का अभ्यास करके हम अपने और अपने परिवार के आर्थिक हितों की रक्षा कर सकते हैं।

Disclaimer

यह भी पढ़े:
Toll Tax Rule 2025 अब टोल प्लाजा पर नहीं देना पड़ेगा टोल टैक्स, जान लें नियम Toll Tax Rule 2025

यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। नोट की पहचान के लिए आरबीआई की आधिकारिक गाइडलाइन्स का ही सहारा लें। किसी भी संदिग्ध नोट की स्थिति में नजदीकी बैंक या अधिकारियों से संपर्क करें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Leave a Comment

Join Whatsapp Group