केंद्रीय कर्मचारियों को 18 महीने का बकाया महंगाई भत्ता देगी सरकार, जानिये लेटेस्ट अपडेट DA Arrear

By Meera Sharma

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DA Arrear: कोविड-19 महामारी के दौरान जब पूरा देश आर्थिक संकट से गुजर रहा था, तब केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि को रोक दिया था। मार्च 2020 से जून 2021 तक का यह 18 महीने का डीए आज भी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को नहीं मिला है। इस लंबी अवधि के दौरान कर्मचारियों ने बार-बार इस बकाया राशि की मांग की है। महंगाई के बढ़ते दबाव में यह मुद्दा और भी गंभीर हो गया है।

सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता उनकी मूल वेतन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह भत्ता बढ़ती महंगाई के अनुपात में दिया जाता है ताकि कर्मचारियों की क्रय शक्ति बनी रहे। लेकिन कोरोना काल में यह व्यवस्था बाधित हो गई जिससे लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी प्रभावित हुए। इस बकाया राशि को लेकर कर्मचारी संगठन लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। अब इस मसले पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है जिसमें इस समस्या पर चर्चा की गई है।

राष्ट्रीय परिषद की महत्वपूर्ण बैठक

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दिल्ली में राष्ट्रीय परिषद की स्थायी समिति की एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के 18 महीने के बकाया डीए के मुद्दे को विस्तार से उठाया गया। सचिव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कर्मचारी प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याओं को रखा। कर्मचारी पक्ष से शिवगोपाल मिश्रा सहित कई प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल हुए।

बैठक में कर्मचारी संगठनों ने जोरदार तरीके से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल की कठिन परिस्थितियों में भी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों ने अपनी जिम्मेदारियां निभाईं। वे अपने कर्तव्यों से कभी पीछे नहीं हटे और देश सेवा में लगे रहे। इसलिए वे इस बकाया डीए और डीआर को पाने के वैध हकदार हैं। कर्मचारी प्रतिनिधियों ने सरकार से मांग की कि यह राशि तुरंत दी जाए।

सरकार का स्पष्टीकरण और रुख

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केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई थी। उस समय सरकार को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में भारी मात्रा में धन खर्च करना पड़ा था। महामारी के बाद भी यह वित्तीय दबाव कई महीनों तक बना रहा। सरकार का कहना है कि ऐसी परिस्थितियों में डीए और डीआर की बकाया राशि का भुगतान करना संभव नहीं हो पाया।

वित्त मंत्रालय के इस स्पष्टीकरण के बावजूद कर्मचारी संगठन संतुष्ट नजर नहीं आ रहे। वे सरकार से स्पष्ट जवाब चाहते हैं कि आखिर यह बकाया राशि कब दी जाएगी। कर्मचारियों का तर्क है कि महंगाई लगातार बढ़ रही है और उनकी वित्तीय स्थिति पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। सरकार के इस रुख से कर्मचारी संगठनों में नाराजगी भी दिखी है। अब सभी की नजरें सरकार के अगले फैसले पर टिकी हैं।

कर्मचारी संगठनों की अपील

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कर्मचारी संगठनों ने सरकार से अपील की है कि वह मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर इस मसले पर विचार करे। उनका कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों ने कोरोना काल में बिना किसी शिकायत के अपनी सेवाएं दीं। जब देश को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब वे अपने घर-परिवार की चिंता छोड़कर काम पर लगे रहे। ऐसे समर्पित कर्मचारियों के साथ न्याय होना चाहिए।

संगठनों का यह भी कहना है कि 18 महीने का यह डीए केवल एक राशि नहीं है, बल्कि यह कर्मचारियों के परिवारों की आर्थिक जरूरतों से जुड़ा मामला है। महंगाई की मार झेल रहे कर्मचारियों के लिए यह राशि बेहद महत्वपूर्ण है। कई कर्मचारियों ने इस बकाया राशि के कारण वित्तीय कठिनाइयों का सामना किया है। इसलिए सरकार को इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और जल्द से जल्द इस राशि का भुगतान करना चाहिए।

आठवें वेतन आयोग की स्थिति

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इस बैठक में आठवें वेतन आयोग के गठन की स्थिति पर भी चर्चा हुई। कर्मचारी प्रतिनिधियों ने इस बात पर चिंता जताई कि नए वेतन आयोग के गठन में देरी हो रही है। उनका कहना है कि यह देरी कर्मचारियों के हितों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं और अब नए आयोग की जरूरत है।

सरकार की ओर से बताया गया कि आठवें वेतन आयोग के लिए कुछ सदस्यों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी गई है। अन्य आवश्यक प्रक्रियाएं भी चल रही हैं और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। कर्मचारियों को उम्मीद है कि नए वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं। यदि इसमें और देरी होती है तो कर्मचारियों को एरियर का भी फायदा मिल सकता है।

नई बीमा योजना की घोषणा

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इस बैठक में कर्मचारियों के लिए एक सुखद समाचार भी आया। व्यय विभाग की ओर से जानकारी दी गई कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारी समूह बीमा योजना के लिए जल्द ही एक नया प्रस्ताव लाया जाएगा। इसके नियम और शर्तों को कर्मचारियों के साथ साझा किया जाएगा। यह योजना कर्मचारियों को बेहतर बीमा सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैयार की जा रही है।

यदि सभी औपचारिकताएं पूरी हो जाती हैं तो केंद्रीय कर्मचारी जल्द ही इस नई बीमा योजना का लाभ उठा सकेंगे। यह योजना उनकी सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कर्मचारियों के लिए यह एक सकारात्मक कदम है जो उनके कल्याण की दिशा में उठाया जा रहा है। हालांकि कर्मचारी अभी भी मुख्य रूप से अपने बकाया डीए की चिंता में हैं।

भविष्य की उम्मीदें और संभावनाएं

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केंद्रीय कर्मचारियों के 18 महीने के बकाया डीए का मुद्दा अभी भी अनसुलझा है। सरकार की आर्थिक कठिनाइयों और कर्मचारियों की वैध मांगों के बीच एक संतुलन बनाना आवश्यक है। कर्मचारी संगठन लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं और सरकार से जल्द निर्णय की मांग कर रहे हैं। आने वाले समय में इस मामले में कोई ठोस फैसला आने की उम्मीद है।

वर्तमान आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही सरकार इस बकाया राशि के भुगतान पर विचार कर सकती है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को देखते हुए एक सकारात्मक निर्णय लेगी। इस मुद्दे का समाधान न केवल कर्मचारियों के लिए राहत लाएगा बल्कि सरकारी तंत्र में कार्यरत लोगों का मनोबल भी बढ़ाएगा। अब सभी की नजरें सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।

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यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। सरकारी नीतियों और निर्णयों में बदलाव हो सकते हैं। किसी भी आधिकारिक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी विभागों से संपर्क करें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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